जब ख़यालों में...
जब ख़यालों में ढली ये ज़िन्दगी
एक पहेली सी लगी ये ज़िन्दगी
कौन समझा कौन समझेगा इसे
फूल-काँटों से भरी ये ज़िन्दगी
प्यास मिट जाये किसी की इसलिए
बर्फ सी हरदम गली ये ज़िन्दगी
कौन था जिसने संभाला हर घड़ी
लड़खड़ाई जब कभी ये ज़िन्दगी
मैं अचानक बेखु़दी में ढल गया
बारहा इतनी खली ये ज़िन्दगी
हो गये रोशन कई बुझते दिये
सोजे़-ग़म में जब जली ये ज़िन्दगी
एक हसीं हसरत की ख़ातिर दोस्तो,
रात भर तिल-तिल जली ये ज़िन्दगी
एक पहेली सी लगी ये ज़िन्दगी
कौन समझा कौन समझेगा इसे
फूल-काँटों से भरी ये ज़िन्दगी
प्यास मिट जाये किसी की इसलिए
बर्फ सी हरदम गली ये ज़िन्दगी
कौन था जिसने संभाला हर घड़ी
लड़खड़ाई जब कभी ये ज़िन्दगी
मैं अचानक बेखु़दी में ढल गया
बारहा इतनी खली ये ज़िन्दगी
हो गये रोशन कई बुझते दिये
सोजे़-ग़म में जब जली ये ज़िन्दगी
एक हसीं हसरत की ख़ातिर दोस्तो,
रात भर तिल-तिल जली ये ज़िन्दगी
प्यास मिट जाये किसी की इसलिए
जवाब देंहटाएंबर्फ सी हरदम गली ये ज़िन्दगी !!!
वाह ! लक्ष्मी कान्त जी ! आपतो हर नज्म में जान डाल देते हैं !आज के बेरहम मौसम में दुआ की तरह ये पंक्तियाँ बहुत सुंदर हैं ! बधाई स्वीकारें !
बहुत बेहतरीन पंक्तियां।
जवाब देंहटाएंएक हसीं हसरत की ख़ातिर दोस्तो,
रात भर तिल-तिल जली ये ज़िन्दगी
इन लाईनों नें तो गजब ही ढा दिया भाई।
हिन्दी ब्लॉगजगत के स्नेही परिवार में इस नये ब्लॉग का और आपका मैं ई-गुरु राजीव हार्दिक स्वागत करता हूँ.
जवाब देंहटाएंमेरी इच्छा है कि आपका यह ब्लॉग सफलता की नई-नई ऊँचाइयों को छुए. यह ब्लॉग प्रेरणादायी और लोकप्रिय बने.
यदि कोई सहायता चाहिए तो खुलकर पूछें यहाँ सभी आपकी सहायता के लिए तैयार हैं.
शुभकामनाएं !
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"प्यास मिट जाये किसी की इसलिए
जवाब देंहटाएंबर्फ सी हरदम गली ये ज़िन्दगी"
नाजुक भावों और अहसासों से रूबरू कराती लाजवाब रचना के लिए बधाई
एक हसीं हसरत की ख़ातिर दोस्तो,
जवाब देंहटाएंरात भर तिल-तिल जली ये ज़िन्दगी
बढ़िया
मनभावन रचना, दिल को छू जाने वाली रचना,
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर, सटिक, एक दम दिल कि आवाज.
कितनी बार सोचता हु कि इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है.
अपनी ढेरों शुभकामनाओ के साथ
shashi kant singh
www.shashiksrm.blogspot.com
हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
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प्यास मिट जाये किसी की इसलिए
जवाब देंहटाएंबर्फ सी हरदम गली ये ज़िन्दगी
वाह बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने...मेरी दाद कबूल करें...
नीरज