जब ख़यालों में...
जब ख़यालों में ढली ये ज़िन्दगी
एक पहेली सी लगी ये ज़िन्दगी
कौन समझा कौन समझेगा इसे
फूल-काँटों से भरी ये ज़िन्दगी
प्यास मिट जाये किसी की इसलिए
बर्फ सी हरदम गली ये ज़िन्दगी
कौन था जिसने संभाला हर घड़ी
लड़खड़ाई जब कभी ये ज़िन्दगी
मैं अचानक बेखु़दी में ढल गया
बारहा इतनी खली ये ज़िन्दगी
हो गये रोशन कई बुझते दिये
सोजे़-ग़म में जब जली ये ज़िन्दगी
एक हसीं हसरत की ख़ातिर दोस्तो,
रात भर तिल-तिल जली ये ज़िन्दगी
एक पहेली सी लगी ये ज़िन्दगी
कौन समझा कौन समझेगा इसे
फूल-काँटों से भरी ये ज़िन्दगी
प्यास मिट जाये किसी की इसलिए
बर्फ सी हरदम गली ये ज़िन्दगी
कौन था जिसने संभाला हर घड़ी
लड़खड़ाई जब कभी ये ज़िन्दगी
मैं अचानक बेखु़दी में ढल गया
बारहा इतनी खली ये ज़िन्दगी
हो गये रोशन कई बुझते दिये
सोजे़-ग़म में जब जली ये ज़िन्दगी
एक हसीं हसरत की ख़ातिर दोस्तो,
रात भर तिल-तिल जली ये ज़िन्दगी